23 जुलाई से खेलों का महाकुंभ टोक्यो-ओलंपिक का शुभारंभ। 8 अगस्त तक रहेगी धूमधाम।
Date: 06/07/2021
ग्लोबल खबर globalkhabar.com
जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से खेलों का महाकुंभ यानी ओलंपिक का शुभारंभ होगा और इसका समापन 8 अगस्त को होगा। इस ओलंपिक में भारत भी हिस्सा ले रहा है और टीम का नेतृत्व मुक्केबाजी में छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम और पुरूष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह करेंगे। वे हीं उद्घाटन समारोह के दौरान देश के ध्वजवाहक होंगे। कोरोना की वजह से बीते साल यानी साल 2020 में इसका आयोजन नहीं हो सका था।
शुभंकर सोमाइटी और मिराईतोवा :
- टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक शुभंकर (मैस्कट) को सोमाइटी और मिराइतोवा नाम दिया गया है। इसका पैटर्न जापानी इंडिगो ब्लू रंग का है। यह जापान की सांस्कृतिक परंपरा और आधुनिकता दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- मिराइतोवा मिराई और तोवा शब्दों से मिलकर बना है। मिराई का अर्थ भविष्य और तोवा का अर्थ अनंत काल होता है।
- विजेता खिलाड़ियों के लिये जो पदक बनाये गये हैं वे पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान से बनाये गये हैं। इसके लिये आयोजकों ने जापान के लोगों से दान करने की अपील की थी।
- पदक के फ्रंट यानी आगे के हिस्से में स्टेडियम की तस्वीर सामने ग्रीक देवी नाइक (विजय प्रतीक) को दर्शाया गया है तो पीछे के हिस्से में टोक्यो ओलंपिक का 'लोगो' बनाया गया है।
खेलों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य :
- इस बार के ओलंपिक में 33 खेलों को शामिल किया गया है। कुल 339 मेडल होंगे।
- कोरोना की वजह से स्टेडियम में सिर्फ जापान के हीं दर्शक होंगे। दूसरे देशों के दर्शक नहीं होंगे।
- साल 2021 से पहले जापान में तीन बार ओलंपिक का आयोजन किया जा चुका है साल 1964, 1972 और 1988 में ।
- टोक्यों ओलंपिक में 5 नये खेलों को जोड़ा गया है, ये हैं - कराटे, बेसबॉल, सर्फिंग, स्केटबोर्डिंग और क्लाइंबिंग।
- बेसबॉल (पुरुष) और सॉफ्टबॉल (महिला) की ओलंपिक में वापसी।
साल 2020 की तरह साल 2021 में भी कोरोना की वजह से ओलंपिक का आयोजन हो पायेगा या नहीं इस बात को लेकर संदेह बरकरार था लेकिन जापान सरकार और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने हर पहलुओं को ध्यान में रख विचार विमर्श किया और ओलंपिक कराने का निर्णय लिया। बहरहाल, ओलंपिक का मशाल दर्पण की मदद से सूर्य की किरणों की तेज से प्रज्जवलित की जाती है। यह मशाल ग्रीस स्थित प्राचीन ओलंपिया पवित्र स्थल हेरा के मंदिर में जलाई जाती है। जिसे मेजबान देश तक कई खिलाड़ी पहुंचाते हैं।