भारत और अमेरिका के बीच भरोसे की साझेदारी है : प्रधानमंत्री मोदी
Date: 24/05/2022
वैश्विक तनाव के बीच जापान की राजधानी टोकयो में क्वाड की बैठक संपन्न हुई और साथ हीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। यह महत्वपूर्ण इसलिये भी है क्योंकि क्वाड के चार सदस्य देशों में से तीन देश अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया रूस के खिलाफ है वहीं भारत और रूस के बीच की दोस्ती ऐतिहासिक है। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से रूस का साथ दिया है। कभी निंदा नहीं की।
बहरहाल, न्यूज एजेंसी भाष के अुनसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अधिक समृद्ध, मुक्त और सुरक्षित विश्व के लिये साथ मिलकर काम करने का 24 मई को संकल्प व्यक्त किया और भारत-अमेरिका रक्षा एवं आर्थिक संपर्कों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की । प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता के दौरान बाइडन से कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक गठजोड़ सही मायने में भरोसे की एक साझेदारी है तथा यह मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा एवं अन्य मामलों में हमारे साझा हितों और हमारे साझा मूल्यों ने विश्वास के हमारे बंधन को मजबूत किया है।’’
वहीं, व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘‘अनुचित युद्ध’’ की निंदा की। उन्होंने कहा कि नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं, खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि की समस्या को दूर करने के लिये कैसे सहयोग किया जाए। इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने ‘‘महत्वपूर्ण रक्षा गठजोड़’ को गहरा बनाने, दोनों देशों के फायदे के लिये आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा वैश्विक स्वास्थ्य गठजोड़, महामारी को लेकर तैयारी और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी को विस्तार देने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की ।
बयान के अनुसार, दोनों नेता भारत के उचित ऊर्जा बदलाव की दिशा में उठाये गए कदमों को गति देने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल, उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाने, वाहनों से शून्य उत्सर्जन एवं आवाजाही से संबंधी निवेश के लिये गठजोड़ मजबूत करने को लेकर आशान्वित दिखे। इस कदमों में ‘अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030’ शामिल है। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस से अनुचित युद्ध की निंदा की। नेताओं ने मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस बात पर चर्चा की कि यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं को दूर करने के लिये कैसे सहयोग किया जाए और खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि से अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में कैसे सहयोग किया जाए। ’’
दोनों देश ‘भारत-अमेरिका टीका कार्रवाई कार्यक्रम’ का नवीनीकरण कर रहे हैं। इसकी स्थापना के बाद से ही कोविड-19, रोटा वायरस से निपटने में मददगार भारत के पहले स्वदेशी और कम लागत के टीकों की खोज, विकास एवं उत्पादन संबंधी सफलता की कई कहानियां सामने आई हैं । दोनों देशों ने ‘संयुक्त सैन्य बल-बहरीन’ में सहयोगी देश के रूप में भारत के शामिल होने की घोषणा की । नेताओं ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) की शुरुआत का स्वागत किया। इसे दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों द्वारा संचालित किया जा रहा है ताकि महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी को लेकर गठजोड़ को विस्तार दिया जा सके ।
इसमें कहा गया है कि अमेरिका की 2022 में कृत्रिम बुद्धिमता, डेटा विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य एवं जलवायु जैसे क्षेत्रों में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत के छह नवोन्मेष केंद्र से जुड़ने की योजना है। दोनों पक्षों ने अर्थिक सुरक्षा एवं मानवीय संकट को लेकर प्रतिक्रिया में नौवहन क्षेत्र की बुनियादी भूमिका को रेखांकित किया । प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में राष्ट्रपति बाइडन के साथ अपनी बैठक को ‘सार्थक’ बताया । मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत-अमेरिका संबंधों के विविध आयामों पर आज व्यापक चर्चा की । ’’मोदी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि रक्षा एवं अन्य मामलों में दोनों देशों के साझा हित एवं साझे मूल्य हैं और यह सही मायने में भरोसे एवं मित्रता की एक साझेदारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमारे लोगों के आपसी संबंध और दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग हमारी साझेदारी को अद्वितीय बनाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार और निवेश में भी निरंतर विस्तार होता जा रहा है, यद्यपि यह अब भी क्षमता से बहुत कम है। ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे बीच भारत-अमेरिका निवेश प्रोत्साहन समझौते से निवेश की दिशा में ठोस प्रगति देखने को मिलेगी।’’भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय सुदृढ़ कर रहे हैं । ‘‘हम दोनों ही देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में समान नजरिया रखते हैं और न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि अन्य समान विचार रखने वाले देशों के साथ अपने साझा मूल्यों और साझा हितों को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘क्वाड और कल घोषित आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप) इसके उदाहरण हैं। आज, हमारी चर्चा से इस सकारात्मक रफ्तार को और गति मिलेगी।’’
वहीं, राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बाइडन ने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे। क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बाइडन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नए व्यापार समझौते की शुरुआत की थी, जिसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि ‘भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक गठजोड़’ को आगे बढ़ाते हुए मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की । उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की बैठक समाप्त हो गई। लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक चीन की तानाशाही और रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। सभी सदस्य देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प लिया। बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के नये प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री शामिल थे। क्वाड की अगली बैठक साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया में होगी। जापान की राजधानी टोक्यों में क्वाड बैठक के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।
साभार - भाषा