‘भारत जोड़ो’यात्रा : कांग्रेस लीडर राहुल के नेतृत्व में 150 दिनों तक चलने वाली यात्रा का शुभारंभ। कहा घृणा पर प्रेम की विजय होगी। हम सब मिलकर जीत हासिल करेंगे।

Date: 07/09/2022

ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

कांग्रेस पार्टी के लीडर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो’यात्रा की शुरूआत कर आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। 150 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा की शुरूआत भारत के दक्षिणी छोर पर बसे कन्याकुमारी स्थित त्रिवेणी संगम से हुआ। यह वो जगह है जहां हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का मेल होता है। एक मेगा रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को भारत के लोगों की आवाज़ को सुनने के लिए डिजाइन किया गया है। हम RSS और भाजपा की तरह भारत के लोगों की आवाज़ को दबाना नहीं चाहते, हम भारत के लोगों को सुनना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ED, CBI,आयकर विभाग से वे विपक्ष को डरा सकते हैं। चाहे कितने भी घंटों तक पूछताछ की जाए, विपक्ष का एक भी नेता भाजपा से डरने वाला नहीं है। भाजपा को लगता है कि वे इस देश को धार्मिक आधार पर, भाषा के आधार पर बांट सकते हैं।

कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने कहा कि मुझे भारत जोड़ो यात्रा यहां से शुरू करते हुए बहुत बेहद खुशी है। आज़ादी के इतने साल बाद भी सिर्फ कांग्रेस ही नहीं भारत के करोड़ों लोग भारत जोड़ो यात्रा की जरूरत महसूस कर रहे हैं। द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा। दोनों नेताओं ने तिरंगे को सलामी दी।

यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य :

 - तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कांग्रेस के महत्वाकांक्षी सफर 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत, 3570 किमी लंबी यह यात्रा पांच महीनों में 12 राज्यों से होकर गुजरेगी। ये यात्रा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ख़त्म होगी।

- यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी श्रीपेरंबुदूर स्थित अपने पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शहीद स्मारक पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

-  यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल मौजूद। 

- एक दिन में 22 से 23 किमी की दूरी कवर करने की योजना है। इस यात्रा में अलग-अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 117 कांग्रेस नेता शामिल होंगे। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मार्च करेंगे। 

- इस यात्रा के लिए 60 कंटेनर तैयार किए गए हैं। 150 दिनों की इस यात्रा में राहुल गांधी भी कंटेनर में सोएंगे। गांव के लोग भोजन भी तैयार करेंगे।  

-  यात्रा का पड़ाव : तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसुरु, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगावं जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अम्बाला, पठानकोट और जम्मू।

-  जिन इलाकों से यात्रा नहीं गुज़रेगी वहां भी सहायक यात्राएं निकालने की योजना है। इतना हीं नहीं  भारत के हर राज्य में इस यात्रा से जुड़ा हुआ कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।

- यात्रा की टैगलाइन - "मिले क़दम, जुड़े वतन"। एक गीत भी रिलीज़ किया गया है "इक तेरा कदम, इक मेरा कदम, मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन।"

 

राहुल गांधी - यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने अपने पिता के स्मारक पर पुष्प अर्पित किए और प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने नफरत और विभाजन की राजनीति के कारण अपने पिता को खो दिया। मैं अब अपने देश को नहीं खो सकता। घृणा पर प्रेम की विजय होगी। हम सब मिलकर जीत हासिल करेंगे।’’यह यात्रा भारतीय राजनीति में एक 'टर्निंग प्वाइंट’ (निर्णायक मोड़) है और आखिरकार घृणा पर प्रेम की विजय होगी।

जयराम रमेश (पार्टी महासचिव) -  "सात सितंबर 2022, एक ऐसा दिन, जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा शुरू करेगी। आज का दिन एक शांत चिंतन और नए सिरे से संकल्प का दिन है।' उन्होंने कहा, "भारतीय राजनीति में यह एक टर्निंग प्वाइंट है। एक नई शुरुआत का प्रतीक है।"

अशोक गहलोत( मुख्यमंत्री राजस्थान) - केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैल गई है और इस स्थिति को नहीं संभाला गया तो देश गृहयुद्ध की तरफ जा सकता है।

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता) -  "बीजेपी तमाम समुदायों के बीच धार्मिक घृणा और शत्रुता पैदा कर रही है. बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा जनता को उकसाने का काम केवल चुनाव जीतने और सत्ता हासिल करने के लिए हो रहा है. आज बीजेपी की सांप्रदायिक नीति से देश की एकता और अखंडता को ख़तरा पैदा हो गया है. आरएसएस और बीजेपी के पुरखों ने कभी दांडी मार्च में भाग नहीं लिया. इसीलिए ये बात उनकी समझ में नहीं आती कि देश को एक कैसे रखते हैं."

प्रियंका गांधी (वीडियो सन्देश) - "आज भारत जोड़ो यात्रा की ज़रुरत क्या है? क्या ये देश एकजुट नहीं है? आप क्या जोड़ रहे हैं? इसका जवाब ये है कि आप जैसे करोड़ों देशवासी बहुत मेहनत करते हैं. कोई अपने घर में कर रहा है, कोई खेती में कर रहा है, कोई मज़दूरी कर रहा है, कोई फैक्ट्री में काम कर रहा है, कोई सरकारी नौकरी कर रहा है, सब मेहनत कर रहे हैं. और मेहनत करते हुए इस देश को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं. लेकिन जो राजनीतिक चर्चा हो रही है वो आपके सवालों पर नहीं हो रही है. जिन समस्याओं से, जिन संघर्षों से आप जूझ रहे हैं, उनके बारे में चर्चा नहीं हो रही है. आज चर्चा एक अलग तरह की हो रही है."  आज राजनीति नकारात्मक बन गई है और इस यात्रा के ज़रिये उनकी पार्टी उन आवाज़ों को जोड़ कर एक मज़बूत आवाज़ बनाना चाहती है जो जनता की समस्याओं की बात करे। "जो असली चर्चा है वो होनी चाहिए। इतनी मंहगाई क्यों है? बेरोज़गारी क्यों है?"

सचिन पायलट - "देश में भयंकर बेरोज़गारी है, मंहगाई है, अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। आपस में जो द्वेष की भावना फैली है उसको हराने के लिए एक सशक्त संगठन की ज़रुरत है। ये उसी दिशा में है। देश के जो तमाम हमारे समुदाय हैं, धर्म, जाति, बिरादरी, भाषाएं... उन सबको माला में पिरोने का काम इस भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से हम करना चाहते हैं." वे कहते हैं, "पिछले 6-7 सालों में जो मंदिर, मस्जिद, हिन्दू, मुसलमान, ईसाई... आपस में जो द्वेष हुआ है, टकराव पैदा हुआ है, एक दूसरे के प्रति जो दुर्भावना पैदा हुई है... उस दुर्भावना का संचालन करने वाली जो शक्तियां हैं उनके ख़िलाफ़ हमें मुखर होना पड़ेगा." देश में ये संदेश देने की ज़रुरत है कि "हम लोग अलग अलग पृष्ठभूमि के लोग हो सकते हैं, अलग-अलग हमारी वेशभूषा है, भाषाएं हैं, हमारी भावनाएं अलग हो सकती हैं, धार्मिक आस्था अलग हो सकती है, लेकिन इस 130 करोड़ के मुल्क को एकजुट रखने के लिए जो भाईचारा, अपनापन, एक दूसरे के प्रति प्यार की भावना है वो कहीं हमसे खो न जाए. ये हमारी सबसे बड़ी धरोहर है". 

बहरहाल, यात्रा को लेकर कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा की ज़रुरत इसलिए पड़ी क्योंकि विपक्ष के सामने और कोई रास्ता ही नहीं है। "हमें सीधा जनता के बीच में जाना पड़ेगा. मीडिया हमारा नहीं, संसद में हम बोल नहीं सकते, तो अब कांग्रेस पार्टी और बाकी विपक्ष के पास केवल एक रास्ता है कि वो जनता के बीच जाकर उनको देश की सच्चाई बताएं। हमारा जो संविधान है, जो इस देश की आत्मा है, आज इसको बचाने के काम हर हिंदुस्तानी नागरिक को करना पड़ेगा। क्योंकि अगर हमने ये नहीं किया, अगर हम आज नहीं खड़े हुए, तो फिर ये देश नहीं बचेगा." पिछले आठ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान को कमज़ोर करने का काम किया है। "कांग्रेस पार्टी देश को जोड़ती है. हम नफरत मिटाते हैं. और जब नफरत मिटती है, जब डर कम होता है तो हिंदुस्तान तेज़ी से आगे बढ़ता है। कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्त्ता ही देश को बचा सकता है।" 

नोट - इनपुट भाषा और बीबीसी से भी।

 



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