समृद्ध समाज और आर्थिक विकास के लिये झारखंड और महाराष्ट्र के बीच एक पुल निर्माण की कोशिश - झारखंडवासी परिवर्तन संघ के अध्यक्ष अरविंद आर्य।
Date: 13/11/2022
मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी के साथ-साथ देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। यहां देश-दुनिया से आये लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। मुंबई में काफी समय से रह रहे अरविंद आर्य झारखंडवासी परिवर्तन संघ के संस्थापक अध्यक्ष हैं। इनका मानना है कि उनकी संस्था सामाजिक सेवा के साथ-साथ झारखंड और महाराष्ट्र के बीच एक पुल निर्माण की कोशिश में है ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ हो। और एक समृद्ध समाज का निर्माण हो सके। उनसे ग्लोबल खबर की बातचीत का मुख्य अंश -
प्रश्न 1. झारखंडवासी परिवर्तन संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उ. झारखंडवासी परिवर्तन संघ का प्राथमिक उद्देश्य है - महानगर में यत्र-तत्र रह रहे झारखंडवासियों को एक छत के नीचे एक प्रांगण में एकत्र करना ताकि हमें पता चल सके कि झारखंड के कितने भाई-बहन अपने घरों से दूर आकर यहां अपनी जमीन तलाश कर रहे हैं। यहां के जनजीवन से कितने लोग खुद को जोड़ पा रहे हैं। महानगर में किसी भी प्रकार से अपना भविष्य तलाश रहे हैं तो बगैर किसी हिचक के मन से मुंबईकर भी बनना पड़ेगा। दरअसल हमारा उद्देश्य झारखंड और महाराष्ट्र के बीच एक पुल निर्माण करने का है।
प्रश्न 2. झारखंडवासी परिवर्तन संघ झारखंड विकास में किस प्रकार की भूमिका निभाता है।
उ. प्रदेश के लिए हम तभी निकलते हैं जब हमें अपना घर संवारना होता है। यहां हम परिश्रम से धन अर्जित करते हैं तो उसके एक हिस्से पर हमारे घर का भी होता है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। हमारे देश के लोग भी जब विदेश नौकरी करने या व्यापार करने जाते हैं तो अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा अपने देश को भेजते हैं। हमारा उद्देश्य यह भी होता है कि झारखंड के आर्थिक और सामाजिक विकास में हमारे संघ के सदस्यों का भी योगदान हो।
प्रश्न 3. कहा जाता है कि कोरोना काल में आपका संगठन बढिया काम किया। इस बारे में आपका क्या कहना है।
उ. कोरोना काल में सभी सामाजिक संगठनों का यह परम कर्तव्य था कि किसी भी व्यक्ति या परिवार को किसी भी ऐसी तकलीफ का सामना न करना पड़े जिनसे उनके जीवन को शारीरिक नुकसान पहुंचे । हमारी कोशिश यह थी कि इस भयानक रोग के कहर से लोगों को सुरक्षित रखा जाए। उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए । किसी को भी भूखा न सोने दिया जाए। मुझे खुशी है कि हमारी संस्था ने बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के अपने कार्य को अंजाम दिया ।
प्रश्न 4. क्या झारखंडवासी परिवर्तन संघ अपनी राजनीतिक पार्टी बनाना चाहती है या सामाजिक सेवा तक सीमित रहेगी।
उ. मेरा यह मानना है कि किसी भी सामाजिक संस्था का उद्देश्य जब राजनीतिक महत्वाकांक्षा का शिकार हो जाये तो वो अपने मूल उद्देश्य के मार्ग से भटक जाता है। ऐसे कई उदाहरण हमें देखने को मिले। समाजसेवा के जरिये एक महाक्रांति करने को आतुर संस्थाएं जब अपने जन्मदाता को दूध से मक्खी की तरह निकाल फेक राजनीतिक चोला पहनकर जनता को नकली रेवड़ी बांटने के चक्कर में देश की अर्थव्यवस्था को नकार देते हैं और सत्ता हासिल कर लेती है। परिणाम यह होता है कि जब तक लोग होश में आयें तब तक पता चलता है कि वे मुंगेरीलाल बन चुके हैं।
प्रश्न 5. आप अपने संगठन के सामाजिक सेवा के बारे में विस्तार से बतायें।
उ. सामाजिक सेवा अपने आप में एक व्यापक संसार की बुनियाद रखता है। किसी खास वर्ग या समूह की परवाह किये बिना केवल मानवता का ध्यान रखना हमारी संस्था का प्रथम और अंतिम कर्तव्य है। विगत बारह वर्षों में सभी के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन हमारी सामाजिक सेवा का एक अप्रतिम उदाहरण है। इसके अलावा हमने समय-समय पर कई जरूरतमंदों के लिए आपातकालीन चिकित्सा की भी व्यवस्था की है। कोरोना काल में हमारी संस्था द्वारा निशुल्क राशन भी उपलब्ध करायी गयी थी। विस्तार से बताने के बजाय मैं यह कहना पसंद करूंगा कि हम अपनी सामाजिक सेवा की भावना के अधिक से अधिक विस्तार की संभावनाओं पर चिंतन कर रहे हैं।