विश्व-स्पाइन-दिवस : बढती उम्र के साथ कमर, गर्दन व हाथ-पैर के दर्द को नजरअंदाज न करें : स्पाइन सर्जन डॉ गौतम प्रसाद।

Date: 16/10/2019

ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

आज विश्व--स्पाइन दिवस है। स्पाइन के बारे में जागरूकता लाने के लिये आज पूरी दुनिया में स्पाइन-डे मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में इस दिवस की पूर्व संध्या पर बिहार की राजधानी पटना स्थित एच.एम.आर.आई पारस होस्पिटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और मरीज शामिल हुए। मुख्य अतिथि थे शिक्षा मंत्री कृष्णनंद वर्मा। 

स्पाइन के बारे में समझाते हुए डॉ गौतम प्रसाद ने  कई महत्वपूर्ण बाते कहीं और सेहत के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि 

  1. - स्पाइन वर्ल्ड डे मनाने के पीछे मुख्य उदेश्य लोगों को हड्डी से संबंधित बीमारियों के  बारे में जागरूक बनाना। 
  2. - लाइफ में बढती उम्र के साथ कमर, गर्दन, पैर-हाथ में दर्द शुरू हो जाता है। 
  3. - हाथ-पैर,गर्दन और कमर में दर्द हो तो इसे नजर अंदाज न करें। और तुरंत स्पाइन डॉ से संपंर्क करे। 
  4. - रीढ की हडड्डी में टीबी, ट्यूमर व कैंसर भी होता है। इसलिये कुछ तकलीफ महसूस हो तो इलाज शुरू कर देने चाहिये। 
  5. - शुरू में इलाज कर देने से बीमारियों को दवा से ही ठीक किया जा सकता है। 
  6. - एडवांस स्टेज में ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज है। 
  7. - पारस होस्पिटल में इलाज के लिये सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं बेहतर ऑपरेशन के। 

इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा में शामिल हुए। उन्होंने पारस एच.एम.आर हॉस्पिटल के स्पाइन सर्जन डॉ गौतम प्रसाद की जमकर तारीफ की। और धन्यवाद देते हुए कहा कि एक समय वे काफी परेशान थे दर्द से। स्थिति बेहद खराब थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एयर एंबुलेंस से दिल्ली जाकर इलाज कराने की सलाह दी। लेकिन वे राज्य से बाहर इलाज कराना नहीं चाहते थे क्योंकि इससे राज्य की भी बदनामी होती और लोग कहते कि मंत्री का ही यह हाल है तो आम जनता की स्थिति क्या होगी? ऐसे में डॉ गौतम के बारे में जानकारी मिली। उनके इलाज से आज मैं काफी बेहतर हूं। वे एक अच्छे डॉक्टर हैं। 

शिक्षा मंत्री वर्मा ने होस्पिटल की सुविधाओं की खूब तारीफ की लेकिन साथ हीं सलाह भी दे गये। उन्होंने होस्पिटल प्रबंधक से आग्रह किया कि यहां इलाज काफी महंगा है। ऐसी व्यवस्था करें कि आम लोग भी इलाज के लिये यहां आ सके। उनके आग्रह पर हड्डी रोग विभाग के निदेशक डॉ जॉन मुखोपाध्याय ने महंगे इलाज के पीछे महंगाई का हवाला दिया। साथ ही उन्होंने कहा  वे उनकी बातों को प्रबंधक तक पहुंचा देंगे। 

स्पाइन-डे के मौके पर शिक्षा मंत्री वर्मा के अलावा पारस होस्पिटल के हड्डी रोग विभाग के निदेशक डॉ जॉन मुखोपाध्याय, क्षेत्रीय निदेशक डॉ तलत हलीम और जनरल सर्जरी के निदेशक डॉ ए ए हुई मौजूद थे। बिहार के विभिन्न भागों से आये लगभग 60 डॉक्टर्स ने भी हिस्सा लिया। 

डॉ गौतम को स्पाइन का जादूगर कहा जाता है। कई ऐसे मामले उनके सामने आये जिसके इलाज के लिये अन्य जगहों पर लाखों रूपये की मांग की लेकिन उन्होंने उसे दवा से ही ठीक कर दिया। उनके सारे ऑपरेशन सफल रहे हैं। वे पहले मुंबई के लीलावती होस्पिटल में थे। वहां के बाद वे पटना आये। इससे सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि सिर्फ बिहार हीं नहीं बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लोग स्पाइन इलाज के लिये दिल्ली-मुंबई जाने की वजाय पटना के पारस होस्पिटल पहुंचने लगे हैं। इससे मरीजों को जहां बेहतर इलाज मिल रहा है वहीं आर्थिक बचत भी हो रही है। 

 



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