कोरोना प्रकरण : स्थिति को संभलाने के लिये क्या कोई राष्ट्रीय योजना है केंद्र सरकार के पास - सुप्रीम कोर्ट

Date: 27/04/2021

ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

कोरोना ने पूरी तरह से भारत को अपने गिरफ्त में ले लिया है। स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि अब हर नागरिक यानी लगभग सवा सौ करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है। एक तरह से भारत को आपदा का सामना करना पड़ रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी हैं। इस बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कभी भी हमें यह लगेगा कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिये हमें हस्ताक्षेप करना है तो हम जरूर करेंगे। तीन जजों की बेंच ( जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टीस एस आर भट्ट   ) इस मामले की सुनवाई कर रही है। इसमें ऑक्सीजन संकट और वैक्सीन प्राइस के दाम शामिल हैं। अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर इस संकट से निपटने के लिये आपके पास क्या कोई राष्ट्रीय योजना है? सरकार की ओर से कहा गया कि सभी मामलों के जवाब वे 30 अप्रैल की सुनवाई में दे देंगे। 

बढते कोरोना को देखते हुए सुप्रीम अदालत ने केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है :

- जस्टिस चंद्रचुड़ ने कहा कि संकट की घड़ी में हम मूक दर्शक नहीं बने रह सकते।

- संकट से निपटने के लिये सरकार के पास क्या प्लान है? 

- जस्टिस भट ने कहा कि डॉक्टर्स, पैरामिलिट्री , पैरामेडिक्स, आर्मी फैसिलिटीज का कैसे इस्तेमाल किस प्रकार किया जा रहा है।

- उच्च न्यायालयों को भी राज्य की स्थिति की निगरानी करनी चाहिये।

सुप्रीम कोर्ट के सवालों पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हम पूरी सतर्कता के साथ स्थिति को संभालने में जुटे हैं। 

 



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