टाटा ग्रुप का हुआ एयर इंडिया।

Date: 11/10/2021

राजेश कुमार, ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

टाटा ग्रुप के सर्वेसर्वा रतन टाटा ने सार्वजनिक कंपनी एयर इंडिया को खरीद लिया है। इसी के साथ आखिरकार एयर इंडिया की घर वापसी हो गई 68 साल के बाद। देश के प्रतिष्ठित उद्योग कंपनी टाटा संस ने इसे खरीदा । अब एयर इंडिया सरकारी एयरलाइंस न होकर निजी हो गई। यह पहले भी टाटा की ही थी। टाटा संस ने इसकी शुरूआत साल 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के तौर पर की थी और बाद में इसका नाम टाटा एयरलाइंस कर दिया गया। आजादी के बाद साल 1953 में भारत सरकार ने टाटा संस से एयर इंडिया का मालिकाना हक खरीद लिया था। तब से एयर इंडिया का संचालन भारत सरकार के अंतर्गत रहा। लेकिन बीते कुल सालों से एयर इंडिया की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती रही। और इसे सरकार ने बेचने का मन बना लिया और अंतत: इसकी निलामी की गई और टाटा ग्रुप अपने पुराने एयरलाइंस को खरीदने में सफल रहा।  

भारत में एयरलाइन सी शुरूआत टाटा ग्रुप ने ही की। यह कहानी शुरू होती है साल 10 फरवरी 1929 से। इस दिन जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (जे आर डी टाटा) को पहला पायलट लाइसेंस प्राप्त हुआ। वे वायुयान उद्योग और अन्य उद्योंगों के मामले में अग्रणी थे। 1957 में पद्म विभूषण और 1992 में भारत रत्न से सम्मानित जे आर डी टाटा ने शुरूआती दौर में साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरूआत की थी। और बाद में यही एयर इंडिया बना। जेआरडी ने जब सिर्फ 15 साल के थे तब उन्होंने साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर जहाज उड़ाया था। लगभग दस साल बाद साल 1929 में उन्हें पायलट का लाइसेंस मिला। लेकिन उन्होंने अपनी व्यावसायिक उड़ाने 15 अक्टूबर 1932 को भरी। उनके पहली उड़ान में सवारियां नहीं बल्कि लगभग 25 किलो चिठ्ठीयां थी। और यह उड़ान अहमदबाद होते हुए कराची से मुंबई ( बॉम्बे) के बीच था। बाद में इस विमान को पायलट नेविल विसेंट उड़ाकर चेन्नई ले गये। टाटा एयर लाइंस के पहले पायलट थे ब्रिटेन की शाही रॉयल एयरफोर्स के पायलट होमी भरूचा टाटा। इस विमान के दूसरे पायलट जेआरडी टाटा और तीसरे पायलट थे नेविल विसेंट। जल्द हीं धीरे धीरे कारवां बढता गया। अगले साल हीं मुसफिरों के लिये भी उड़ाने शुरू हो हुई।  एयरलाइन ने लगभग 2,60,000 किलोमीटर की उड़ान भरी। पहले साल में 155 मुसाफिरों ने सफर किया और लगभग 10 टन ( 9.72 टन ) मेल लाया और भेजा गया। और 60,000 रुपये का आमदनी हुई।

- टाटा एयरलाइन ने 6 सीटों वाली Miles Merlin के साथ बॉम्बे से त्रिवंद्रम के बीच अपनी पहली घरेलू उड़ान की शुरुआत की।

-  साल 1938 में एयरलाइंस का नाम टाटा एयरलाइंस रखा गया। दिल्ली और कोलंबो को दिल्ली को जोड़ा गया।

- द्धितीय विश्व युद्ध के दौरान  एयरलाइन ने रॉयल एयर फोर्स की मदद की जिसमें  उनकी सेना और साजो-सामान को लाने-ले जाने,  शरणार्थियों को बचाने  और  एयरक्राफ्ट के रखरखव में मदद की।

- भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट को पास किया साल 1953 में। और टाटा एयरलाइंस का मालिकाना हक खरीद लिया। और कंपनी का नाम एयर इंडिया रखा गया। और साल 1977 तक जे आर डी टाटा हीं इसके चेयरमैन बने रहे। . 

नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल ने कहा है कि 

-अभी एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी कार्यरत हैं, 8,084 स्थायी और 4,000 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। 

- टाटा सभी कर्मचारियों को अगले एक साल तक बरकरार रखेगी। दूसरे साल में अगर उन्हें बरकरार नहीं रखा जाता है तो कंपनी उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश करेगी।

-  31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज।

- अब टाटा सन्स 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा। 

 बहरहाल, नीति आयोग ने साल 2017 के जून महीने में एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत सरकार से एयर इंडिया के विनिवेश की सिफारिश की है। कुछ दिनों बाद तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि यदि उन्हें मौका मिले तो घाटे में चल रहे एयर इंडिया को बेच देंगे। तभी से इसके विनिवेश की चर्चा तेज हो गई। और यह भी खबर थी कि घाटे में चल रहे एयर इंडिया को खरीदने के लिये टाटा उत्सुक है और सरकार से बातचीत की जा रही है। 

  

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