लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज के लिये नेशनल मेडिकल काउंसिल द्धारा अनुमति। मिथिलेश चंद्रवंशी ने कहा कि गरीबों के मसीहा रामचंद्र चंद्रवंशी जी पर राज्य के लोगों को गर्व है।

Date: 15/11/2021

ग्लोबल ख़बर globalkhabar.com

 झारखंड के पिछडे इलाकों में से एक पलामू जिले के छात्रों के लिये खुशखबरी। अब यहां के गरीब छात्र भी डॉक्टर बनने की ओर अग्रसर हो सकेंगे। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने पलामू जिले (झारखंड) के बिश्रामपुर स्थित लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में एमबीबीएस (MBBS) के 100 सीटों के लिये अनुमति प्रदान की है। इसके संचालक हैं पूर्व मंत्री व विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी। इनके हीं चंद्रवंशी वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा मेडिकल कॉलेज संचालित होगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कॉलेज में दाखिला नीट-परीक्षा के माध्यम से हीं होगा। रामचंद्र चंद्रवंशी  ने कहा कि उनका सपना था कि उनकी माता जी के नाम पर एक मेडिकल कॉलेज हो। और आखिरकार उनका सपना पूरा हो गया। 

अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के झारखंड प्रदेश के महामंत्री मिथिलेश सिंह चंद्रवंशी ने इसके लिये चंद्रवंशी विश्वविद्यालय के संस्थापक रामचंद्र चंद्रवंशी और विश्वविद्यालय के वाइस चासंलर ईश्वर सागर चंद्रवंशी को हार्दिक बधाई दी और कहा कि वे हम सभी के लिये गौरव हैं। उन्होंने कहा कि रामचंद्र जी गरीब छात्रों के मसीहा हैं।  वे भीष्मपितामाह हैं। उन्हें हार्दिक बधाई। मिथिलेश ने कहा कि रामचंद्र चंद्रवंशी जी और उनके पुत्र ईश्वर सागर चंद्रवंशी जी गरीब छात्रों के लिये मसीहा हैं। 

बहरहाल, झारखंड का पलामू जिला पिछड़ों इलाकों में से एक है। एक दशक पहले तक यहां शिक्षा की रोशनी दूर दूर तक दिखाई नहीं देती थी। नक्सल प्रभावित इलाका है। कहा जाता है कि यहां के बच्चे  कलम पकड़ने से पहले हीं हथियार चलाना सीख लेते हैं। क्योंकि गरीबी और शिक्षा के अभाव ने इन्हें मजबूर कर दिया था। स्कूल-कॉलेज व बुनियादी शिक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। फ्रोफेशनल कोर्स के बारे में यहां के पढने लिखने वाले गरीब छात्र सिर्फ सपने तक ही सीमित रहते थे लेकिन चंद्रवंशी परिवार ने यहां की स्थितियां बिल्कुल बदल दी है। 

शिक्षा के क्षेत्र में पीछे छुट चुके इस इलाके के गरीब छात्र मायुस थे। ऐसे में रामचंद्र चंद्रवंशी ने गरीब छात्रों के लिये शिक्षा की व्यवस्था करने का फैसला किया और शिक्षा संस्थानों की स्थपाना की।  बच्चों में भी पढने की ललक बढती गई। धीरे-धीरे कारवां बनता गया और आज विश्वविद्यालय का रूप ले लिया है। शिक्षा के क्षेत्र में चंद्रवंशी परिवार और उनके ट्रस्ट की शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए राज्य सरकार ने भी सराहना की और रामचंद्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय बनाने को हरी झंडी दी। अब स्थिति ऐसी है कि इस इलाके के बच्चे न सिर्फ बुनियादी शिक्षा हासिल कर रहे हैं बल्कि प्रोफेशनल कोर्स ( इंजीनियरिंग, बीएड, पीएचडी   ) भी पूरा कर उच्चे पदों पर पहुंच रहे हैं। 

झारखंड चंद्रवंशी महासभा के महामंत्री मिथिलेश सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि रामचंद्र चंद्रवंशी जी ने पूरे इलाके का कायकल्प कर दिया है। यह कोई आसान काम नहीं था। एक बहुत बड़ी चुनौती थी। भीष्मपिता माह रामचंद्र जी के लगन, त्याग और समाजसेवा की भावना ने इसे साकार किया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में शिक्षा का बहुत महत्व है। इसके दम पर पूरी दुनिया को बदला जा सकता है। पहले पलामू जिले के दूर दराज इलाके में शिक्षा का अभाव था लेकिन अब वहां के लोग जागररूक हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज जा रहे हैं। बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिये उनके माता-पिता भी उत्साहित हो रहे हैं। 



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