अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत - प्रधानमंत्री मोदी ।

Date: 30/04/2022

ग्लोबल खबर globalkhabar.com

आम आदमी कानूनी दावपेंच और धाराओं को बहुत हीं कम जानता  और अदालती प्रक्रिया की भाषा अंग्रेजी उसकी समझ से परे होता है। इसलिये अदालत में स्थानीय भाषाओ को मान्यता दी जाये इसकी मांग वर्षों से होती रही है। इस मांग को बल दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। प्रधानमंत्री  मोदी ने  दिल्ली में  मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इससे न केवल आम नागरिकों का न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा बल्कि वे इससे अधिक जुड़ाव भी महसूस करेंगे।

उन्होंने  मुख्यमंत्रियों से न्याय प्रदान करने को आसान बनाने के लिए पुराने कानूनों को निरस्त करने की भी अपील की। और कहा कि साल '2015 में, हमने लगभग 1,800 कानूनों की पहचान की, जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से, केंद्र के ऐसे 1,450 कानूनों को समाप्त कर दिया गया। लेकिन, राज्यों ने केवल 75 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है।  भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो एक ऐसी न्यायिक प्रणाली के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जहां न्याय आसानी से उपलब्ध, त्वरित और सभी के लिए हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'हमारे देश में, जहां न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक की है, वहीं विधायिका नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मेरा मानना ​​​​है कि इन दोनों का संगम एक प्रभावी व समयबद्ध न्यायिक प्रणाली के लिए रोडमैप तैयार करेगा।'

 

साभार इनपुट - न्यूज एजेंसी भाषा।



Web Id Maker
Web Id Maker