भारत के प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्र विदेश नीति लागू करने में सक्षम - रूस के राष्ट्रपति पुतिन।

Date: 28/10/2022

ग्लोबल खबर globalkhabar.com

रूस और यूक्रेन जारी युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)की जमकर तारीफ की। रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने (Vladimir Putin) कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)उन लोगों में से एक है, जो एक स्वतंत्र विदेश नीति को लागू करने में सक्षम हैं। जो अपने लोगों के हितों के बारे में सोचते हैं और कदम उठाते हैं। भारत पर किसी तरह के प्रतिबंध लगाने के सभी प्रयासों के बावजूद, वह सख्त रहे और उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसकी भारत को जरूरत है। राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin)ने भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ की।

राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा कि वे सच्चे देशभक्त हैं। 'मेक इन इंडिया' का उनका विचार आर्थिक और नैतिकता दोनों लिहाज से मायने रखता है। भविष्य भारत का है। इस बात पर गर्व किया जा सकता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ब्रिटेन की गुलामी से आजाद होने से आधुनिक राज्य बनने तक अपने विकास में जबरदस्त प्रगति की है।  इस युद्ध में कई मौकों पर भारत और रूस की दोस्ती का इम्तिहान हुआ और भारत ने एक दोस्त की भूमिका भी निभाई। एक उभरती महाशक्ति के तौर पर युद्ध रोकने के लिए राष्ट्रपति पुतिन को समझाने की कोशिश भी की। जब SCO की बैठक में पीएम मोदी ने पुतिन को युद्ध रोकने की नसीहत दी थी और उनके इस बयान की पूरी दुनिया ने तारीफ की थी।

यूक्रेन युद्ध और परमाणु बम के इस्तेमाल को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच उन्होंने अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति विशेषज्ञों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परमाणु हमला निरर्थक है लेकिन  

पश्चिमी नीतियां से और अधिक अराजकता पैदा होगी।

- राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने से इंकार किया।

- जे संघर्ष जारी है वह रूस को पश्चिमी ताकतों से सुरक्षित करने का प्रयास है।  

-  यूक्रेन पर परमाणु हमला करना निरर्थक है। इसकी कोई जरूरत नहीं। 

- परमाणु हमले का न तो कोई राजनीतिक अर्थ है और न हीं सैन्य। 

- पश्चिम देशों ने जो नीतियां अपनाई हैं उससे और अराजकता पैदा होगी। 

भारत और रूस की दोस्ती ऐतिहासिक है। उनके बीच कभी भी किसी बात को लेकर विवाद नहीं रहा।  दोनों ही देशों के बीच ऐसे कोई विषय भी नहीं है जहां विवाद की कोई गुंजाइश हो।

 



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