राजगीर में बनेगा मगध नरेश जरासंध की भव्य स्मारक : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
Date: 29/11/2022
ग्लोबल खबर globalkhabar.com
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में सम्राटों के सम्राट मगध नरेश जरासंध की स्मारक बनाने की घोषणा की। वर्षों से चंद्रवंशी समाज द्धारा यह मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि राजगीर(राजगृह) में जरासंध के अखाड़ा के विकास के लिए कई वर्षों से केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग से आग्रह कर रहा था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। मौका था विश्व प्रसिद्ध धर्मस्थल राजगीर के लिए हर घर गंगा जल आपूर्ति योजना का शुभारंभ का। 27 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में गंगा जल आपूर्ति योजना के शुभारंभ के समय उनके साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय झा मौजूद थे।
जरासंध महाभारत कालीन मगध राज्य के नरेश थे। उस दौर में इनके जितना कोई बलशाली राजा नहीं था। इनको लेकर विद्धानों में मतभेद है, किन्ही का कहना है कि ये बहुत हीं क्रूर सम्राट थे तो किन्हीं का कहना है कि जनता के लिये बहुत उदार थे, प्रजा काफी खुशहाल थी। इन्हें सिर्फ क्रूर इसलिये कहा जाता है कि ऋषियों के कहने पर इन्होंने महादेव को प्रसन्न करने और चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिये 101 राजाओं का बलि देने का निर्णय लिया और 100 राजाओं को बंदी बना लिया। हालांकि बलि किसी की नहीं दी।
प्राचीन काल में राजगीर मगध की राजधानी थी और यहीं पर सम्राट जरासंध का विश्व प्रसिद्ध अखाड़ा था जहां वे मल्ल (कुश्ती) का अभ्यास करते थे। यहां की मिट्टी आज भी सफेद है। कहा जाता है कि सम्राट जरासंध की अखाड़े में प्रतिदिन सैकड़ों लीटर दूध और दही मिलाया जाता था। इनके कई अखाड़ों में दूध व दही के अलावा चंदन भी मिलाया जाता था। ऐसी मिट्टी में सम्राट जरासंध के अखाड़ों के अलावा कहीं और नहीं मिलेगा। लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर की स्थिति जर्जर है। इसे हीं दुरूस्त करने और सम्राट जरासंध की स्मारक बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की।
चंद्रवंशी समाज सम्राट जरासंध के वशंज कहे जाते हैं। इनकी आबादी बड़ी संख्या में है। यादव समाज के बाद सबसे अधिक संख्या चंद्रवंशी समाज की है। दावा किया जाता है कि पूरे बिहार व झारखंड में इनकी संख्या लगभग 6 प्रतिशत है तो मगध क्षेत्र में 10 प्रतिशत से अधिक।