रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल : राष्ट्रपति बाइडन के यूक्रेन दौरे के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया है।
Date: 22/02/2023
ग्लोबल खबर globalkhabar.com
24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल हो जायेगा। बावजूद दोनो देशों के बीच युद्ध समाप्त होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। इसके विपरीत लगता है कि युद्ध आगे भी जारी रहेगा। एक साल के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन का 20 फरवरी को अचानक यूक्रेन दौरा और एक दिन बाद 21 जनवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी संसद को संबोधित किया और कहा कि
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन की वर्तमान सरकार विदेशी ताकतों के लिये काम कर रही है। अमेरिका नाटो के विस्तार पर लगा हुआ है। मैं समान सुरक्षा के पक्ष में था लेकिन हमें भ्रामक जवाब दिये जा रहे थे। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश को मालूम है कि वे युद्ध में रूस को हरा नहीं सकते इसलिये आक्रमक तरीके से सूचनाओं का हमला कर रहे हैं। रूस के मूल्यों और युवाओं को निशाना बना रहे हैं। :-
- मेरे देश के लोगों की सुरक्षा काफी अहम है।
- मॉस्को ने नाटो के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया था लेकिन नाटो ने इस पर सही प्रतिक्रिया नहीं दी।
- शांति स्थापित के लिये हर संभव कोशिश की। डोनबास साल 2014 के बाद हीं संवेदनशील बना हुआ था।
- हमारी पीठ के पीछे साजिश रची जा रही थी।
- देश के लिये मुश्किलों भरा समय है।
- पश्चिमी देश समझौतों से पीछे हटे। गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
- नाटो देश लगातार विस्तार करने में लगा हुआ है।
- युद्ध के लिये पश्चिमी देश हीं गुनहगार है। हम सिर्फ इसे रोकने के लिये सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि वे ऐसा सुरक्षित और अंतरराष्ट्रीय भुगतान सिस्टम बनाना चाहते हैं, जिसकी पश्चिमी देशों पर निर्भरता ना हो। जो वर्तमान व्यवस्था है वह रूस को प्रताड़ित के लिये बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि रूसी रूबल की अंतरराष्ट्रीय भुगतान व्यवस्था में हिस्सा दोगुना हो गया है। देश में रिकॉर्ड फसल उत्पादन हुआ है और उन्होंने अनाज के निर्यात को 2023 के अंत तक 60 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन :
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का यूक्रेन दौरा बहुत हीं गोपनीय था। बिना किसी हलचल के वे राजधानी कीव पहुंच गये। बताया जाता है कि सुरक्षा कारणों से गोपनीय रखा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार के रवाना होने से पहले बाइडन ने अपनी पत्नी जिल के साथ एक रेस्तंरा में भोजन किया। और उसके बाद वे चुपचाप वॉशिंगटन से रवाना हो गये। राष्ट्रपति बाइडन और यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक साझा बयान में कहा कि "लोकतांत्रिक दुनिया" को इस "साहसिक लड़ाई" को जीतना ही होगा। बाइ़डन ने कहा कि यूक्रेन को अमेरिका का समर्थन मिलता रहेगा। वहीं ज़ेलेंस्की ने कहा, "ये दौरा अमेरिकी-यूक्रेन संबंधों के पूरे इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है। ये दिखाता है कि हम पहले ही क्या कुछ हासिल कर चुके हैं। आज हमारे बीच बातचीत काफ़ी सार्थक रही है। इस दौरे का असर निश्चित तौर पर युद्ध के मैदान में दिखेगा।
- जिस तरीके से बिना सैन्य ट्रैनिंग के आम जनता ने मुकाबला किया है वह किसी नायकत्व से कम नहीं।
- जबतक ज़रूरत रहेगी वो यूक्रेन की हथियारों से मदद करता रहेगा।
- आर्टिलरी और गोला बारूद दिए जाएंगे।
- रूस की ओर से संभावित ज़मीनी हमले को देखते हुए एंटी आर्मर सिस्टम भी दिए जाएंगे।
- रूसी लडाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइलों और अन्य हवाई हमलों के ख़िलाफ़ रक्षा के लिए बहुत ज़रूरी सर्विलांस रडार भी यूक्रेन को दिया जायेगा।
- अमेरिका ने पहले हीं यूक्रेन को अब्राम्स टैंक जनवरी में ही दे चुका है।
- अमेरिका ने अभी फाइटर प्लेन देने की बात नहीं कही है।
- अमेरिका ने यूक्रेन को 30 अरब डॉलर की मदद मुहैया कराई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की -
- अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ लंबी दूरी के हथियारों पर भी बातचीत हुई।
- अमेरिका से एक महत्वपूर्ण पैकेज मिलने मिलेगा।
- यूक्रेन आभारी है मिस्टर प्रेसीडेंट बाइडन का।
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि कीएव की मेरी यात्रा यूक्रेन के लोकतंत्र, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति हमारी अटूट और अटल प्रतिबद्धता की एक बार फिर पुष्टि करते हैं।" "लगभग एक साल पहले पुतिन ने हमला करते हुए सोचा था का यूक्रेन कमज़ोर है और यूरोप बंटा हुआ। उन्होंने सोचा था कि वो हमें थका देंगे। लेकिन वो बिल्कुल ग़लत थे।" एक बात तो साफ है कि यह लड़ाई थमने वाली नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति का यूक्रेन का समर्थन इसी ओर संकेत दे रहा है। लेकिन अमेरिका ने अभी तक यूक्रेन को फाइटर प्लेन देने के बारे में कुछ नहीं कहा है। राष्ट्रपति बाइडन का एक-16 देने के मसले पर कहना है कि इससे स्थिति बहुत बिगड़ जायेगी।